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लेखनी प्रतियोगिता -12-Jun-2023

विषय- स्वैच्छिक
कही खो रहा जमीर,
कहां खो रहे रिश्ते,
कहलवाने को सब तैयार,
निभाने को,
कोई ना फरिश्ते !
डूबकियॉ लगातार सब लगा रहे है,
खींचा तानी में दूर होते जा रहे हैं,
कडुवाहठ हर कोने में फैल चुकी है,
लगता है,
इन्सान की इन्सानियत,
यहां मर चुकी है |
"प्रतिभा पाण्डेय"(स्वरचित 12/6/2023)


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5 Comments

Gunjan Kamal

13-Jun-2023 07:47 AM

बहुत खूब

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Punam verma

13-Jun-2023 01:11 AM

Very nice

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बहुत अच्छे

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